संगमकालीन प्रमुख तथ्य

 

संगमकालीन प्रमुख
संगमकालीन प्रमुख 

संगमकालीन प्रमुख तथ्य (विभिन्न परीक्षा में आये हुए)

  • प्रथम चेर शासक उदियनजेरल (150 ई.) ने कुरु क्षेत्र में भाग लेने वाले सभी योद्धाओं को भोजन कराया था.
  • उदियनजेरल (Udiyanjeral) के लड़के नेदुनजेरल (Nedunjeraladan) ने नौसैनिक युद्ध में कुछ यवन व्यापारियों को बंदी बनाया था. तभी इसने अधिराज की उपाधि ग्रहण की.
  • आदन के पुत्र शेनुगुट्टवन ने सती (कन्नगी) की स्मृति में मन्दिर बनवाये व कन्नगी की पूजा शुरू की.
  • शिल्प्पादिकारम्  तथा मणिमेखलै संगमकालीन महाकाव्य है.
  • शिल्प्पादिकारम्‌ के अनुसार कन्नगी की पूजा श्रीलंका में भी प्रचलित थी.
  • राजा अड़िगयपान ने प्रायद्वीप धुर दक्षिणी भू-भाग में सर्वप्रथम गन्ने की खेती की शुरुआत को.
  • चेर वंश का अन्य शासक अन्दुबन ने कई वैदिक यज्ञ करे.
  • चेर शासक आय ने उरैयुर के ब्राह्मण को व पारि ने कपलिर नामक ब्राह्मण को संरक्षण दिया.
  • आय व पारि बैल शासक माने जाते हैं. इनकी उत्पत्ति वशिष्ठ के अग्निकुंड से मानी जाती है.
  • प्रारम्भिक चोल शासकों में करिकाल (190 ई) प्रमुख था.
  • पट्टिनप्पालै ग्रन्थ में करिकाल की सफलताओं का काव्यात्मक उल्लेख मिलता है.
  • पत्तुपातु में करिकाल द्वारा बलपूर्वक चोल राज सिंहासन के अधिग्रहण तथा राजधानी “कावेरीपत्तिनम्‌” पर अधिकार करने का वर्णन मिलता है.
  • करिकाल ने चोल राजधानी पुहार की स्थापना की.
  • पाण्ड्य देश का प्रारम्भिक उल्लेख पाणिनी कृत “अष्टाध्यायी” में मिलता है.
  • अर्थशास्त्र में पाण्ड्य देश की राजधानी मदुरा नगरी का उल्लेख आया है.
  • पाण्ड्य देश की प्रारम्भिक राजधानी ‘तिरूनेलवेलि’ जनपद में ताम्रपर्णी नदी के मुहाने पर स्थित कोत्कई है.
  • नेडुथैलियन की तुलना करिकाल से की जाती थी. इसने एक “आर्य सेना का विजेता” उपाधि धारण की. इसने रोमन सम्राट आगस्टस के दरबार में अपना एक दूत भेजा. इसने समुद्र पूजा का प्रारम्भ किया.
  • मदुरै कांची में नेडुथैलियन के कुशल प्रशासन का वर्णन मिलता है.
  • पुरनानुख में सम्मिलित एक कविता में चक्रवर्ती राजा को चर्चा की गई है. इसी कृति में सम्मिलित एक अन्य कविता में राजा की मृत्यु के बाद उसके साथी द्वारा आत्महत्या करने का उल्लेख है.
  • शिल्प्पादिकारम् तमिल काव्य का इलियड कहलाता है.
  • शिल्प्पादिकारम् में एक धनी व्यापारी कोलवन की कथा है जिसने कन्नगी की उपेक्षा कर एक अन्य नृत्यांगना माधवी से प्रेम कर लिया. कन्नगी पांड्य नरेश के हाथों अपने पति की मृत्यु का बदला लेती है और अंततः देवी बन जाती है.
  • मणिमेखलै की कथा दार्शनिक और शास्त्रार्थ सम्बन्धी बातों के ताने-बाने में बुनी हुई है. मणिमेखलै की नायिका शिल्प्पादिकारम् के नायक कोलवन की पुत्री है जो अपने पूर्व प्रेमी की मृत्यु का समाचार सुनकर बौद्ध भिक्षुणी हो गई.
  • कुरल या तिरुकुराल या तिरुवल्लुवार धर्मशास्त्र, अर्थशास्त्र और कामसूत्र तीनों का संगम है.
  • प्रमुख संगम काल के नगरों के नाम – पुहार, उरैयूर, मदुरै, वाजि और कांची.
  • पुहार (प्रसिद्ध बंदरगाह व समुद्र तटीय राजधानी)
  • उरैयूर (चोलों की द्वीपीय राजधानी, सूती कपड़ों का बहुत बड़ा केंद्र)
  • मदुरै (पांड्यों की राजधानी)
  • वाजि (चेरों की राजधानी) 
  • कांची (पल्लवों की राजधानी)
  • तोल्काप्पियम के लेख तोल्काप्पियार हैं. यह अगस्त्य के 12 शिष्यों में से एक थे. यह ग्रन्थ द्वितीय संगम का एकमात्र उपलब्ध ग्रन्थ है. यह ग्रन्थ अहम व अगम (प्रेम) व पुरम (युद्ध, प्रशासन), वर्ण विचार, निर्माण, छंद शास्त्र, बोली रूप, सामाजिक प्रथाओं, साहित्यिक प्रचालनों व तमिल व्याकरण से सम्बंधित है.
  • अगन्तियम – तमिल व्याकरण की किताब.
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