सिकन्दर महान |
सिकन्दर महान(toc)
सिकन्दर का वास्तविक नाम अलेक्जेंडर तृतीय था. भारत में उसे सिकंदर कहकर सम्बोधित किया जाता हैं. अलेक्जेंडर तृतीय मेकडोनिया का राजा और पर्शियन साम्राज्य का वो विजेता था, जिसे अपने जीवन में सबसे ज्यादा किये गए फौजी अभियानों के लिए जाना जाता हैं. ग्रीक इतिहासकारों के अनुसार अलेक्जेंडर ने पूरी दुनिया को जीत लिया था, इसलिए उसे विश्व विजेता भी कहा जाता है. और उसके नाम के साथ महान या दी ग्रेट भी लगाया जाता हैं.
अनेक शानदार युद्ध अभियानों के बीच उसमे एशिया माइनर को जीतकर सीरिया को पराजित किया और मिस्र तक जा पहुंचा। जहाँ उसने अलेक्जांड्रिया नाम का एक नया नगर बसाया। वहां उसने एक विश्वविद्यालय की भी स्थापना की।
अगले वर्ष सिकन्दर मेसोपोटामिया होता हुआ फ़ारस (ईरान) पहुंचा और वहां के राजा डेरियस तृतीय को अरबेला के युद्ध में हरा कर वह स्वयं वहां का राजा बन गया। जनता का ह्रदय जीतने के लिए उसने फारसी राजकुमारी रुखसाना से विवाह भी कर लिया।
कुछ समय बाद सिकन्दर ने भारत पर आक्रमण किया और पंजाब में सिन्धु नदी के तट तक जा पहुंचा। उसने भारत का सीमांत प्रदेश जित लिया था। परन्तु भारतीय राजा पुरु (पोरस) ने उसका बड़े साहस और शौर्य से सामना किया तथा आगे नहीं बढ़ने दिया। तभी सिकन्दर को फ़ारस के विद्रोह का समाचार मिला और वह उसे दबाने के लिए वापस चल दिया।
वह 323 ई.पू. में बेबीलोन पहुंचा और वहां पर उसे भीषण ज्वर ने जकड़ लिया। उस रोग का कोई इलाज नहीं था। अत:33 वर्ष की आयु में वहीँ सिकन्दर की मृत्यु हो गई। केवल 10 वर्ष की अवधि में इस अपूर्व योध्दा ने अपने छोटे से राज्य का विस्तार कर एक विशाल साम्राज्य स्थापित कर लिया था। जिसमें यूनान और भारत के मध्य का सारा भूभाग सम्मिलित था।