भारत के महापुरूष तथा उनकी जीवनी

 

भारत के महापुरूष तथा उनकी जीवनी

भारत के महापुरूष तथा उनकी जीवनी(toc)

गौतम बुद्ध

नाम – सिद्धार्थ गौतम बुद्ध , जन्म – 563 ईसा पूर्व लुम्बिनी नेपाल , मृत्यु – 483 ईसा पूर्व कुशीनगर, शादी – राजकुमारी यशोधरा , बच्चें – एक पुत्र, राहुल , पिता का नाम – शुद्धोदन (एक राजा और कुशल शासक) , माता का नाम – माया देवी (महारानी), बौद्ध धर्म की स्थापना – चौथी शताब्दी के दौरान

वैशाखी पूर्णिमा के दिन सिद्धार्थ वटवृक्ष के नीचे ध्यानपूर्वक अपने ध्यान में बैठे थे. गाँव की एक महिला नाम सुजाता का एक पुत्र हुआ था, उस महिला ने अपने पुत्र के लिये उस वटवृक्ष से एक मन्नत मांगी थीं जो मन्नत उसने मांगी थी वो उसे मिल गयी थी और इसी ख़ुशी को पूरा करने के लिये वह महिला एक सोने के थाल में गाय के दूध की खीर भरकर उस वटवृक्ष के पास पहुंची थीं.

महावीर

महावीर जैन धर्म में वर्तमान अवसर्पिणी काल के चौंबीसवें तीर्थंकर है। भगवान महावीर का जन्म करीब ढाई हजार साल पहले (ईसा से 599 वर्ष पूर्व), वैशाली के गणतंत्र राज्य क्षत्रिय कुण्डलपुर में हुआ था। महावीर को 'वर्धमान', वीर', 'अतिवीर' और 'सन्मति' भी कहा जाता है। तीस वर्ष की आयु में गृह त्याग करके, उन्होंने एक लँगोटी तक का परिग्रह नहीं रखा। हिंसा, पशुबलि, जात-पात का भेद-भाव जिस युग में बढ़ गया, उसी युग में भगवान महावीर का जन्म हुआ। उन्होंने दुनिया को सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया। तीर्थंकर महावीर स्वामी ने अहिंसा को सबसे उच्चतम नैतिक गुण बताया। उन्होंने दुनिया को जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत बताए, जो है- अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य (अस्तेय) और ब्रह्मचर्य। सभी जैन मुनि, आर्यिका, श्रावक, श्राविका को इन पंचशील गुणों का पालन करना अनिवार्य है| महावीर ने अपने उपदेशों और प्रवचनों के माध्यम से दुनिया को सही राह दिखाई और मार्गदर्शन किया।

सम्राट अशोक

अशोक महान पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक मौर्य (राजा प्रियदर्शी देवताओं का प्रिय)। पिता का नाम बिंदुसार। दादा का नाम चंद्रगुप्त मौर्य। माता का नाम सुभद्रांगी। पत्नियों का नाम देवी (वेदिस-महादेवी शाक्यकुमारी), कारुवाकी (द्वितीय देवी तीवलमाता), असंधिमित्रा (अग्रमहिषी), पद्मावती और तिष्यरक्षित। पुत्रों का नाम- देवी से पुत्र महेन्द्र, पुत्री संघमित्रा और पुत्री चारुमती, कारुवाकी से पुत्र तीवर, पद्मावती से पुत्र कुणाल (धर्मविवर्धन) और भी कई पुत्रों का उल्लेख है। धर्म- हिन्दू और बौद्ध। राजधानी पाटलीपुत्र। सम्राट अशोक का नाम संसार के महानतम व्यक्तियों में गिना जाता है। ईरान से लेकर बर्मा तक अशोक का साम्राज्य था। अंत में कलिंग के युद्ध ने अशोक को धर्म की ओर मोड़ दिया। अशोक ने जहां-जहां भी अपना साम्राज्य स्थापित किया, वहां-वहां अशोक स्तंभ बनवाए। उनके हजारों स्तंभों को मध्यकाल के मुस्लिमों ने ध्वस्त कर दिया। अशोक के समय मौर्य राज्य उत्तर में हिन्दुकुश की श्रेणियों से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी के दक्षिण तथा मैसूर, कर्नाटक तक तथा पूर्व में बंगाल से पश्चिम में अफगानिस्तान तक पहुंच गया था। यह उस समय तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य था।

अशोक महान ने बौद्ध धर्म का प्रचार भारत के अलावा श्रीलंका, अफगानिस्तान, पश्चिम एशिया, मिस्र तथा यूनान में भी करवाया। बिंदुसार की 16 पटरानियों और 101 पुत्रों का उल्लेख है। उनमें से सुसीम अशोक का सबसे बड़ा भाई था। तिष्य अशोक का सहोदर भाई और सबसे छोटा था। भाइयों के साथ गृहयुद्ध के बाद अशोक को राजगद्दी मिली।

आर्यभट्ट

आर्यभट्ट प्राचीन भारत के एक प्रसिद्ध गणितज्ञ और खगोलशास्त्री रहे हैं। उनका जन्म 476 ईस्वी में बिहार में हुआ था। उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय से पढाई की। उनके मुख्य कार्यो में से एक “आर्यभटीय” 499 ईस्वी में लिखा गया था। इसमें बहुत सारे विषयो जैसे खगोल विज्ञान, गोलीय त्रिकोणमिति, अंकगणित, बीजगणित और सरल त्रिकोणमिति का वर्णन है। उन्होंने गणित और खगोलविज्ञान के अपने सारे अविष्कारों को श्लोको के रूप में लिखा। इस किताब का अनुवाद लैटिन में 13वीं शताब्दी में किया गया। आर्यभटीय के लैटिन संस्करण की सहायता से यूरोपीय गणितज्ञों ने त्रिभुजो का क्षेत्रफल, गोलीय आयतन की गणना के साथ साथ कैसे वर्गमूल और घनमूल की गणना की जाती है, ये सब सीखा।

खगोल विज्ञानं के क्षेत्र में, सर्वप्रथम आर्यभट ने ही अनुमान लगाया था कि पृथ्वी गोलाकार है और ये अपनी ही अक्ष पर घूमती है जिसके फलस्वरूप दिन और रात होते हैं। उन्होंने यह भी निष्कर्ष निकाला था कि चन्द्रमा काला है और वो सूर्य की रोशनी वजह से चमकता है। उन्होंने सूर्य व चंद्र ग्रहण के सिद्धान्तों के विषय में तार्किक स्पष्टीकरण दिये थे।

कौटिल्य

कौटिल्य के अन्य नाम चाणक्य ,विष्णु गुप्त था राजनीति में भी कुटिल , नीतिज्ञ होने के कारण उनको कौटिल्य कहा जाता था। भारत में उन्होंने एक केंद्रीय शक्ति संपन्न सेना ,प्रभावशाली राज्य की स्थापना कर भारत के केंद्रीय करण में बहुत बड़ा योगदान दिया। उन्होंने एक साधारण से बालक चंद्रगुप्त मौर्य को सैन्य प्रशिक्षण प्रदान कर भारत के एक महान सम्राट बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई व खुद उस राज्य के प्रधानमंत्री बने । उनका शासन भ्रष्टाचार से मुक्त था । कहा जाता है कि एक बार सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस निकेटर से बातचीत करते समय उन्होंने राजकीय दीपक को जलाया परंतु राजकीय वार्ता के समाप्त होने पर समय की निजी काम हेतु राजकीय दीपक को बुझा कर अपना स्वंय का दीपक जलाया इस प्रकार वे राज्य की वस्तु का खुद के निजी कार्यों हेतु का दुरुपयोग नहीं करते थे इसको वर्तमान में भी नेताओं को अपनी दिनचर्या में अपनाकरअपना राजधर्म निभाने की जरूरत है।

कालिदास

कालिदास संस्कृत भाषा के महान कवि और नाटककार थे।[1] उन्होंने भारत की पौराणिक कथाओं और दर्शन को आधार बनाकर रचनाएं की और उनकी रचनाओं में भारतीय जीवन और दर्शन के विविध रूप और मूल तत्त्व निरूपित हैं।

जन्म : संभवत: 150 ई.पू. से 300 ई. के बीच उज्जैन (संभवत:), भाषा : संस्कृत, विधाएँ : नाटक, कविता,

मुख्य कृतियाँ नाटक : अभिज्ञान शाकुन्तलम्, विक्रमोवशीर्यम् और मालविकाग्निमित्रम् महाकाव्य (कविता) : रघुवंशम् और कुमारसंभवम् खण्डकाव्य (कविता) : मेघदूतम् और ऋतुसंहार (इसके अतिरिक्त उन्हें उत्तर कालामृतम्, श्रुतबोधम्, श्रृंगार तिलकम्, श्रृंगार रसाशतम्, सेतुकाव्यम्, कर्पूरमंजरी, पुष्पबाण विलासम्, श्यामा दंडकम्, ज्योतिर्विद्याभरणम् आदि अनेक ग्रंथों का रचनाकार माना जाता है पर इस पर विद्वानों में मतभेद है।)

बाणभट्ट

जन्म स्थान - चंंदरेह (सीधी जिला )म. प्र.

बाणभट्ट सातवीं शताब्दी के संस्कृत गद्य लेखक और कवि थे। वह राजा हर्षवर्धन के आस्थान कवि थे। उनके दो प्रमुख ग्रंथ हैं: हर्षचरितम् तथा कादम्बरी। हर्षचरितम् राजा हर्षवर्धन का जीवन-चरित्र था और कादंबरी दुनिया का पहला उपन्यास था। कादंबरी पूर्ण होने से पहले ही बाणभट्ट जी का देहांत हो गया तो उपन्यास पूरा करने का काम उनके पुत्र भूषणभट्ट ने अपने हाथ में लिया। दोनों ग्रंथ संस्कृत साहित्य के महत्त्वपूर्ण ग्रंथ माने जाते है

महर्षि चरक

चरक एक महर्षि एवं आयुर्वेद विशारद के रूप में विख्यात हैं। वे कुषाण राज्य के राजवैद्य थे। इनके द्वारा रचित चरक संहिता एक प्रसिद्ध आयुर्वेद ग्रन्थ है। इसमें रोगनाशक एवं रोगनिरोधक दवाओं का उल्लेख है तथा सोना, चाँदी, लोहा, पारा आदि धातुओं के भस्म एवं उनके उपयोग का वर्णन मिलता है। आचार्य चरक ने आचार्य अग्निवेश के अग्निवेशतन्त्र में कुछ स्थान तथा अध्याय जोड्कर उसे नया रूप दिया जिसे आज चरक संहिता के नाम से जाना जाता है । 300-200 ई. पूर्व लगभगआयुर्वेद के आचार्य महर्षि चरक की गणना भारतीय औषधि विज्ञान के मूल प्रवर्तकों में होती है।चरक की शिक्षा तक्षशिला में हुई ।इनका रचा हुआ ग्रंथ 'चरक संहिता' आज भी वैद्यक का अद्वितीय ग्रंथ माना जाता है। इन्हें ईसा की प्रथम शताब्दी का बताते हैं। कुछ विद्वानों का मत है कि चरक कनिष्क के राजवैद्य थे परंतु कुछ लोग इन्हें बौद्ध काल से भी पहले का मानते हैं।आठवीं शताब्दी में इस ग्रंथ का अरबी भाषा में अनुवाद हुआ और यह शास्त्र पश्चिमी देशों तक पहुंचा।चरक संहिता में व्याधियों के उपचार तो बताए ही गए हैं, प्रसंगवश स्थान-स्थान पर दर्शन और अर्थशास्त्र के विषयों की भी उल्लेख है।उन्होंने आयुर्वेद के प्रमुख ग्रन्थों और उसके ज्ञान को इकट्ठा करके उसका संकलन किया । चरक ने भ्रमण करके चिकित्सकों के साथ बैठकें की, विचार एकत्र किए और सिद्धांतों को प्रतिपादित किया और उसे पढ़ाई लिखाई के योग्य बनाया ।

अकबर

पूरा नाम – अबुल-फतह जलालउद्दीन मुहम्मद अकबर जन्म – 15 अक्टूबर, 1542 जन्मस्थान – अमरकोट पिता– हुमांयू माता – नवाब हमीदा बानो बेगम साहिबा

महाराणा प्रताप

पिता राणा उदय सिंह माता- जयवंता बाई जी, पत्नी- अजबदे, जन्म- 9 मई 1540 उत्तर दक्षिण भारत के मेवाड़ में हुआ था, मृत्यु- 29 जनवरी 1597, पुत्र- अमर सिंह, घोड़ा- चेतक

मुगल बादशाह अकबर और महाराणा प्रताप के बीच 18 जून, 1576 ई. को लड़ा गया था। अकबर और राणा के बीच यह युद्ध महाभारत युद्ध की तरह विनाशकारी सिद्ध हुआ था। ऐसा माना जाता है कि हल्दीघाटी के युद्ध में न तो अकबर जीते और न ही राणा हारे। मुगलों के पास सैन्य शक्ति अधिक थी तो राणा प्रताप के पास जुझारू शक्ति की कोई कमी नहीं थी।

गुरु नानक

सिखों के प्रथम (आदि गुरु) हैं।संवत्‌ 1526 में कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन हुआ था. इस दिन को प्रकाश पर्व (Prakash Parv) के रूप में मनाया जाता है. कुछ विद्वान गुरु नानक की जन्मतिथि 15 अप्रैल, 1469 मानते हैं. नानक जी का जन्म रावी नदी के किनार स्थित तलवंडी नामक गांव खत्रीकुल में हुआ था. गुरु नानक ने सिख धर्म की स्थापना की थी. गुरु नानक सिखों के आदिगुरु हैं.

गुरु अर्जन देव

श्री गुरु अर्जन देव जी (Shri Guru Arjun Dev Ji) का जन्म 18 वैशाख 7 संवत 1620 को श्री गुरु राम दास जी के घर बीबी भानी जी की पवित्र कोख से गोइंदवाल अपने ननिहाल घर में हुआ|

छत्रपति शिवाजी महाराज

छत्रपति शिवाजी महाराज या शिवाजी राजे भोसले (1630-1680) भारत के राजा एवं रणनीतिकार थे जिन्होंने 1674 में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष औरंगज़ेब के मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया। सन 1674 में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और छत्रपति बने। शिवाजी ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों की सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उन्होंने समर-विद्या में अनेक नवाचार किये तथा छापामार युद्ध (Gorilla War) की नयी शैली (शिवसूत्र) विकसित की। उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनीतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया और फारसी के स्थान पर मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया। भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में बहुत से लोगों ने शिवाजी के जीवनचरित से प्रेरणा लेकर भारत की स्वतन्त्रता के लिये अपना तन, मन धन न्यौछावर कर दिया। आज उनकि राजनिती कि तर्ज पर नेपाल व भारत में शिवसेना नाम का राजनैतिक पक्ष चला आ रहा है।

श्री गुरु गोविन्द सिंह

गुरु गोविंद सिंह सिख समुदाय के दसवें गुरु माने जाते हैं। जूलियन कैलेंडर के अनुसार 22 दिसंबर 1666 को पटना, बिहार में सतगुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था। खालसा पंथ की स्थापना करने वाले गुरु गोविंद का जन्म गुरु तेग बहादुर और माता गुजरी के यहां हुआ था। पटना साहिब (जन्म स्थल), आनंदपुर साहिब (गुरुद्वारा केशगढ़) आदि स्थानों पर गुरु गोविंद सिंह जयंती बेहद धूमधाम से मनाई जाती है। 1699 में बैसाखी के दिन ही उन्होनें खालसा पंथ की स्थापना की थी, सिखों के लिए ये महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। वह एक महान योद्धा, कवि, भक्त और अध्यात्मिक नेता माने जाते थे। गुरु गोविंद सिंह ने सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की रचना को पूरा किया था। इसी के बाद उन्हें गुरु रुप में सुशोभित किया गया। गुरु गोविंद साहिब ने 17 वीं शताब्दी में शिक्षा देते हुए कई ऐसी बातें बताई जो आज भी हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं।

स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद का जन्‍म 12 जनवरी 1863 को हुआ था. उनका जन्मदिन हर साल युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है.

स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्‍ण मठ, रामकृष्‍ण मिशन और वेदांत सोसाइटी की नींव रखी. 1893 में अमेरिका के शिकागो में हुए विश्‍व धार्मिक सम्‍मेलन में उन्‍होंने भारत और हिंदुत्‍व का प्रतिनिधित्‍व किया था. हिंदुत्‍व को लेकर उन्‍होंने जो व्‍याख्‍या दुनिया के सामने रखी, उसकी वजह से इस धर्म को लेकर काफी आकर्षण बढ़ा. वे औपनिवेशक भारत में हिंदुत्‍व के पुन: उद्धार और राष्‍ट्रीयता की भावना जागृत करने के लिए जाने जाते हैं.

रविन्द्र नाथ टैगोर

इनका जन्‍म 7 मई 1861 को कोलकाता के जोड़ासाँको ठाकुरबाड़ी में हुआ इनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ ठाकुर और शारदा देवी था

वे एकमात्र कवि थे जिनकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं – भारत का राष्ट्र-गान “जन गण मन” और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान “आमार सोनार” उनकी प्रमुख प्रकाशित कृतियों में – गीतांजली, गीताली, गीतिमाल्य, कथा ओ कहानी, शिशु, शिशु भोलानाथ, कणिका, क्षणिका, खेया आदि प्रमुख हैं उन्होंने कुछ पुस्तकों का अंग्रेजी में अनुवाद भी किया गया था रविन्‍द्र नाथ टैगोर ने ही गान्धीजी को सबसे पहली बार महात्मा कहकर पुकारा था भारत के राष्ट्रगान के रचयिता रबीन्द्रनाथ ठाकुर जी की मृत्यु 7 अगस्त, 1941 को कलकत्ता में हुई थी

टैगोर जी को उनकी रचना गीतांजलि (Gitanjali) के लिए वर्ष 1913 में नोबेल पुरूस्‍कार प्रदान किया गया था रविन्‍द्र नाथ टैगोर एशिया के प्रथम ऐसे व्यक्ति थे जिन्‍हे साहित्‍य के लिए नोबेल पुरस्‍कार दिया गया रवीन्द्रनाथ ठाकुर 1878 से लेकर 1930 के बीच सात बार इंग्लैंड गए सन 1915 में अंग्रेजो द्वारा टैगोर जी को ‘सर’ की उपाधि दी गई थी लेकिन अप्रैल 1919 में हुऐ जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ के बाद रविन्द्र नाथ टैगोर ने अंग्रेज सरकार द्वारा प्रदान की गई ‘सर’ की उपाधि का त्याग कर दिया था

महात्मा गांधी

महात्मा गांधी को ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नेता और 'राष्ट्रपिता' माना जाता है। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इनके पिता का नाम करमचंद गांधी था। मोहनदास की माता का नाम पुतलीबाई था जो करमचंद गांधी जी की चौथी पत्नी थीं। मोहनदास अपने पिता की चौथी पत्नी की अंतिम संतान थे।

बाल गंगाधर तिलक

जन्म: 23 जुलाई 1856, रत्नागिरी, महाराष्ट्र, मृत्यु: 1 अगस्त 1920,

उपलब्धियां– बाल गंगाधर तिलक को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का जनक माना जाता है| वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे| वह एक समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रीय नेता के साथ-साथ भारतीय इतिहास, संस्कृत, हिन्दू धर्म, गणित और खगोल विज्ञानं जैसे विषयों के विद्वान भी थे| बाल गंगाधर तिलक ‘लोकमान्य’ के नाम से भी जाने जाते थे| स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उनके नारे ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे ले कर रहूँगा’ ने लाखों भारतियों को प्रेरित किया|

सुभाष चंद्र बोस

जन्म: 23 जनवरी 1897, मृत्यु: 18 अगस्त 1945

उपलब्धियां– सुभाष चन्द्र बोस ने ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा’ और ‘जय हिन्द’ जैसे प्रसिद्द नारे दिए, भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास की, 1938 और 1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए, 1939 में फॉरवर्ड ब्लाक का गठन किया, अंग्रेजों को देश से निकालने के लिए ‘आजाद हिन्द फ़ौज’ की स्थापना की

डॉ. बी. आर. अम्बेडकर

जन्म: 14 अप्रैल, 1891 निधन: 6 दिसंबर, 1956

उपलब्धियां: स्वतंत्र भारत के संविधान की रचना करने के लिए संविधान सभा द्वारा गठित ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष चुने गए, भारत के प्रथम कानून मंत्री, 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद

जन्म: 11 नवम्बर, 1888 निधन: 22 फरवरी, 1958

उपलब्धियां: 1923 और 1940 में कांग्रेस के अध्यक्ष, स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री

डॉ. राजेंद्र प्रसाद

जन्म: 3 दिसंबर, 1884 निधन: 28 फरवरी, 1963

उपलब्धियां: स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति, संविधान सभा के अध्यक्ष

दादाभाई नौरोजी

जन्म: 4 सितम्बर, 1825 निधन: 30 जून, 1917

उपलब्धियां: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तीन बार अध्यक्ष, स्वराज (स्व-शासन) की मांग उनके द्वारा 1906 में उनके एक अध्यक्षीय भाषण में सार्वजनिक रूप से व्यक्त की गई

लाल बहादुर शास्त्री

जन्म: 2 अक्टूबर, 1904 निधन: 10 जनवरी, 1966

उपलब्धियां: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में मुख्य भूमिका, उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविन्द वल्लभ पंत के संसदीय सचिव, पंत मंत्रिमंडल में पुलिस और परिवहन मंत्री, केंद्रीय मंत्रिमंडल में रेलवे और परिवहन मंत्री, केन्द्रीय मंत्रिमंडल में परिवहन और संचार, वाणिज्य और उद्योग,1964 में भारत के प्रधान मंत्री बने

गोपाल कृष्ण गोखले

जन्म: 9 मई, 1866 निधन: 19 फरवरी, 1915

उपलब्धियां: महात्मा गांधी के राजनैतिक गुरु, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के मार्ग दर्शकों में से एक, सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी के संस्थापक

अरविन्द घोष

जन्म: अगस्त 15, 1872 निधन: दिसंबर 5, 1950

उपलब्धियां: स्वतंत्रता सेनानी, कवि, प्रकांड विद्वान, योगी और महान दार्शनिक

अरुणा आसफ़ अली

जन्म: जुलाई 16, 1909 निधन: जुलाई 29, 1996

उपलब्धियां: भारत छोड़ो आंदोलन में मुख्य भूमिका, दिल्ली की प्रथम मेयर, 1964 में अंतरराष्ट्रीय लेनिन शांति पुरस्कार, 1991 में अंतरराष्ट्रीय समझौते के लिए जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार, 1998 में भारत रत्न से सम्मानित

एनी बेसेंट

जन्म: अक्टूबर 1, 1847 निधन: सितम्बर 20, 1933

उपलब्धियां: थियोसोफिकल सोसायटी ऑफ़ इंडिया की अध्यक्ष, 1916 में होम रूल लीग की स्थापना, भारत में स्वशासन की मांग, कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष

कमलादेवी चट्टोपाध्याय

जन्म : 3 अप्रैल, 1903 (मंगलोर, कर्नाटक) मृत्यु : 29 अक्टूबर, 1988

कार्यक्षेत्र : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और समाज सुधारक

बेगम हज़रत महल

जन्म: 1820, फ़ैज़ाबाद, अवध, भारत मृत्यु: 7 अप्रैल 1879, काठमांडू, नेपाल

कार्य: नबाब वाजिद अली शाह की पत्नी, 1857 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह

रानी लक्ष्मीबाई

जन्म: 19 नवम्बर 1828, वाराणसी, उत्तर प्रदेश मृत्यु: 18 जून 1858, कोटा की सराय, ग्वालियर

कार्यक्षेत्र: झाँसी की रानी, 1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम की वीरांगना

चम्पक रमन पिल्लई

जन्म: 15 सितम्बर 1891, तिरुवनंतपुरम, केरल मृत्यु: 26 मई, 1934, जर्मनी

कार्य क्षेत्र: स्वाधीनता सेनानी

रानी गाइदिनल्यू

जन्म: 26 जनवरी, 1915, मणिपुर मृत्यु: 17 फ़रवरी, 1993

कार्य क्षेत्र: स्वाधीनता सेनानी

बिपिन चन्द्र पाल

जन्म: 7 नवंबर, 1858, हबीबगंज ज़िला, (वर्तमान बांग्लादेश) मृत्यु: 20 मई, 1932, कोलकाता, पश्चिम बंगाल

कार्य क्षेत्र: स्वतन्त्रता सेनानी, शिक्षक, पत्रकार, लेखक

बिधान चंद्र रॉय

जन्म: 1 जुलाई 1882, पटना. बिहार मृत्यु: 1 जुलाई 1962, कोलकाता, पश्चिम बंगाल

कार्य क्षेत्र: चिकित्सक, राजनेता, स्वाधीनता सेनानी

राम मनोहर लोहिया

जन्म: 23 मार्च, 1910, अकबरपुर, फैजाबाद निधन: 12 अक्टूबर, 1967, नई दिल्ली

कार्य क्षेत्र: स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता

सुरेन्द्रनाथ बनर्जी

जन्म: 10 नवम्बर, 1848, कलकत्ता मृत्यु: 6 अगस्त, 1925, बैरकपुर

कार्य क्षेत्र: स्वाधीनता सेनानी

वी.वी. गिरि

जन्म: 10 अगस्त 1894, बहरामपुर, ब्रिटिश इंडिया मृत्यु: 23 जून 1980, मद्रास, तमिल नाडु

कार्य क्षेत्र: श्रम आंदोलन के नेता, भारत के चौथे राष्ट्रपति

गणेशशंकर विद्यार्थी

जन्म: 26 अक्टूबर, 1890, प्रयाग, उत्तर प्रदेश निधन: 25 मार्च, 1931, कानपुर, उत्तर प्रदेश

कार्य क्षेत्र: पत्रकार, समाज-सेवी, स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ

भूलाभाई देसाई

जन्म: 13 अक्टूबर 1877, वलसाड़, गुजरात निधन: 6 मई 1946

कार्य: स्वाधीनता कर्मी, गाँधी जी के सहयोगी

पुरुषोत्तम दास टंडन

जन्म: 1 अगस्त, 1882, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश निधन: 1 जुलाई, 1962

कार्य: स्वतंत्रता सेनानी

विट्ठल भाई पटेल

जन्म: 27 सितम्बर, 1873, नाडियाड, गुजरात मृत्यु: 22 अक्टूबर, 1933, जिनेवा

कार्य: स्वाधीनता सेनानी, विधानवेत्ता

श्यामजी कृष्ण वर्मा

जन्म: 4 अक्टूबर 1857, मांडवी, कच्छ, गुजरात मृत्यु: 30 मार्च 1930, जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड

कार्य: भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, इंडियन होम रूल सोसाइटी’, ‘इंडिया हाउस’ और ‘द इंडियन सोसिओलोजिस्ट’ के संस्थापक

रास बिहारी बोस

जन्म: 26 मई, 1886 मृत्यु: 21 जनवरी, 1945

ार्य: क्रन्तिकारी नेता

मोरारजी देसाई

जन्म: 29 फरवरी 1896, भदेली, ब्रिटिश प्रेसीडेंसी मृत्यु: 10 अप्रैल 1995, दिल्ली

कार्य: स्वतंत्रता सेनानी, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री

राम प्रसाद बिस्मिल

जन्म: 11 जून, 1897, शाहजहाँपुर मृत्यु: 19 दिसंबर, 1927, गोरखपुर

कार्य: स्वतंत्रता सेनानी, कवि, अनुवादक, बहुभाषाविद्

खुदीराम बोस

जन्म: 3 दिसंबर, 1889, हबीबपुर, मिदनापुर ज़िला, बंगाल मृत्यु: 11 अगस्त, 1908, मुजफ्फरपुर

कार्य: भारतीय क्रन्तिकारी

मंगल पांडे

जन्म: 30 जनवरी 1831, नगवा गांव, बलिया जिला निधन: 8 अप्रैल 1857, बैरकपुर, पश्चिम बंगाल

कार्य: सन् 1857 के प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रदूत

गोपीनाथ बोरदोलोई

जन्म: 10 जून, 1890, रोहा, ज़िला नौगाँव, असम मृत्यु: 5 अगस्त, 1950, गुवाहाटी, असम

कार्य: स्वतंत्रता सेनानी, असम के प्रथम मुख्यमंत्री

चित्तरंजन दास

जन्म: 5 नवंबर, 1870, कोलकाता निधन: 16 जून, 1925, दार्जिलिंग

कार्य: स्वतंत्रता सेनानी, वकील, कवि तथा पत्रकार

पट्टाभि सीतारमैया

जन्म: 24 नवम्बर, 1880, नेल्लोर तालुका, आंध्र प्रदेश निधन: 17 दिसम्बर, 1959

कार्य: स्वतंत्रता सेनानी, लेखक व पत्रकार

आचार्य नरेंद्र देव

जन्म: 31 अक्टूबर, 1889, सीतापुर, उत्तर प्रदेश निधन: 19 फ़रवरी, 1956, मद्रास

कार्य: समाजवादी, विचारक, शिक्षाशास्त्री और देशभक्त

ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान

जन्म: 6 फरवरी 1890, चरसद्दा, खईबर, पख्तुन्ख्वा, पाकिस्तान निधन: 20 जनवरी 1988, पेशावर, पाकिस्तान

कार्य: पश्तूनी स्वाधीनता सेनानी, स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता

कस्तूरबा गाँधी

जन्म: 11 अप्रैल, 1869 निधन: 22 फ़रवरी, 1944

कार्य: स्वतंत्रता सेनानी

कमला नेहरु

जन्म: 1 अगस्त, 1899, दिल्ली निधन: 28 फरवरी, 1936, स्विट्ज़रलैण्ड

जयप्रकाश नारायण

जन्म: 11 अक्टूबर 1902, सिताबदियारा, सारण, बिहार निधन: 8 अक्टूबर, 1979, पटना, बिहार

कार्य: स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, राजनेता

चक्रवर्ती राजगोपालाचारी

जन्म: 10 दिसम्बर 1978, थोरापल्ली, मद्रास प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश इंडिया मृत्यु: 25 दिसम्बर 1972, मद्रास

कार्य: राजनेता, वकील, लेखक, स्वतंत्रता सेनानी, भारत के अंतिम गवर्नर जनरल

सुचेता कृपलानी

जन्म: 25 जून, 1908 मृत्यु: 1 दिसंबर, 1974

कार्य/पद: भारत के किसी भी राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री

मदनमोहन मालवीय

जन्मः 25 दिसंबर 1861, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश मृत्युः 12 नवंबर 1946

कॅरिअरः राजनेता, स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद

विनायक दामोदर सावरकर

जन्म: मई 28, 1883 मृत्यु: फरवरी 26, 1966

उपलब्धियां :- वीर सावरकर एक हिंदुत्ववादी नेता, राजनैतिक चिंतक और स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका पूरा नाम विनायक

दामोदर सावरकर था। सावरकर पहले स्वतंत्रता सेनानी व राजनेता थे जिसने विदेशी कपड़ों की होली जलाई थी।

चंद्रशेखर आज़ाद

जन्म: 23 जुलाई, 1906 निधन: 27 फरवरी, 1931

उपलब्धियां: भारतीय क्रन्तिकारी, काकोरी ट्रेन डकैती (1926), वाइसराय की ट्रैन को उड़ाने का प्रयास (1926), लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए सॉन्डर्स पर गोलीबारी की (1928), भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के साथ मिलकर हिंदुस्तान समाजवादी प्रजातंत्रसभा का गठन किया

भीखाजी कामा

जन्म: 24 सितम्बर 1861 मृत्यु: 13 अगस्त, 1936

कार्य: स्वतंत्रता सेनानी, पहली भारतीय क्रांतिकारी जिन्होनें विदेश में सवर्प्रथम राष्टीय झंडा फ़हराया था

राजकुमारी अमृत कौर

जन्म: फरवरी 2 सन् 1889, लखनऊ मृत्यु: 2 अक्टूबर सन् 1964

कार्य/पद: स्वतंत्रता सेनानी, प्रथम भारतीय महिला जो केंद्रीय मंत्री बनी थीं, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान

लाला लाजपत राय

जन्म: 28 जनवरी, 1865 निधन: 17 नवम्बर, 1928

उपलब्धियां: अमेरिका में भारतीय होम लीग सोसायटी की स्थापना, 1920 में कांग्रेस के अध्यक्ष

सरदार वल्लभ भाई पटेल

जन्म: 31 अक्टूबर, 1875 निधन: 15 दिसंबर, 1950

उपलब्धियां: ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध खेड़ा सत्याग्रह और बरडोली विद्रोह का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया, 1922, 1924 और 1927 में अहमदाबाद नगर निगम के अध्यक्ष चुने गए, 1931 में कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए, स्वतंत्र भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री बने, भारत के राजनैतिक एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, 1991 में भारतरत्न के लिए पुष्टि की गई

भगत सिंह

जन्म: 27 सितम्बर, 1907 निधन: 23 मार्च, 1931

उपलब्धियां: भारत के क्रन्तिकारी आंदोलन को एक नई दिशा दी, पंजाब में क्रांति के सन्देश को फ़ैलाने के लिए नौजवान भारत सभा का गठन किया, भारत में गणतंत्र की स्थापना के लिए चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर हिंदुस्तान समाजवादी प्रजातंत्र संघ का गठन किया, लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए पुलिस अधिकारी सॉन्डर्स की हत्या की, बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर केन्द्रीय विधान सभा में बम फेका

जवाहरलाल नेहरू

जन्म: 14 नवंबर, 1889 निधन: 27 मई, 1964

उपलब्धियां: असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया, 1924 में इलाहाबाद के नगर निगम के अध्यक्ष चुने गए और शहर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में सेवा की, 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता की और आजादी की मांग का प्रस्ताव पारित किया, 1936, 1937 और 1946 में कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए, स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने, गुट निरपेक्ष आंदोलन के मुख्य शिल्पकारों में से एक

ई. एम. एस. नंबूदरीपाद

जन्मः 13 जून 1909, मलप्पुरम, केरल मृत्युः 19 मार्च 1998

कॅरिअरः राजनीति

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