अंतरिम सरकार |
🖍अंतरिम सरकार🖍
2 सितम्बर 1946, को नवनिर्वाचित संविधान सभा ने भारत की अंतरिम सरकार का गठन किया जोकि 15 अगस्त 1947 तक अस्तित्व में बनी रही|अंतरिम सरकार की कार्यकारी शाखा का कार्य वायसराय की कार्यकारी परिषद करती थी जिसकी अध्यक्षता वायसराय द्वारा की जाती थी| इसमें कांग्रेस द्वारा नामित 3 मुस्लिम सदस्यों सहित कुल 12 सदस्य शामिल थे| भारत में ब्रिटिशों के आने के बाद यह प्रथम अवसर था जब भारत की सरकार भारतीयों के हाथों में थी| 26 अक्टूबर को लीग द्वारा नामित 5 सदस्य इसमें शामिल हुए और इन नए सदस्यों के लिए स्थान बनाने के लिए कांग्रेस द्वारा नियुक्त सदस्यों में हेर-फेर किया गया (दो सीटें पहले से ही खाली थीं इसके अलावा शरत बोस, सैय्यद अली जहीर व सर शफात अहमद खान ने त्यागपत्र दे दिया)|
सरकार के सभी चौदह सदस्यों के विभाग निम्नलिखित थे-
🖍 अंतरिम सरकार के सदस्य🖍
- पंडित जवाहर लाल नेहरु - कार्यकारी परिषद् के उपाध्यक्ष,विदेश विभाग, राष्ट्रमंडल से सम्बंधित मामले
- वल्लभभाई पटेल - गृह, सुचना एवं प्रसारण
- बलदेव सिंह- रक्षा
- डॉ.जॉन- उद्योग एवं आपूर्ति
- सी.राजगोपालाचारी -शिक्षा
- सी.एच.भाभा -कार्य, खनन एवं शक्ति
- राजेंद्र प्रसाद - खाद्य एवं कृषि
- आसफ अली- रेलवे
- जगजीवन राम -श्रम
- लियाकत अली- वित्त
- टी.टी.चुंदरीगर -वाणिज्य
- अब्दुल रब नश्तर -संचार
- गजान्फर अली खान- स्वास्थ्य
- जोगेंद्र नाथ मंडल- विधि
🖍 निष्कर्ष 🖍
अगस्त 1946 में कांग्रेस ने अंतरिम सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया ताकि ब्रिटिश सरकार के लिए सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके| अंतरिम सरकार ने 2 सितम्बर 1946 से कार्य करना आरम्भ किया|